हेलो पेरेंट्स,
क्या आपका बच्चा भी बार बार पतली पोटी करता और आप इस समस्या से परेशान रहते है तो इस आर्टिकल में आपको बच्चे को बार बार पॉटी आना और इसका क्या कारन होता है इस के बारे में विस्तार में बतायेगे।
छोटे बच्चों को पोटी आना आम बात होती है, लेकिन इसका अच्छी तरह से ध्यान न रखा जाये तो ये खतरनाक साबित हो सकता हैं। अगर शिशु बार-बार पानी जैसा पतला मलत्याग कर रहा है, तो हो सकता है शिशु को दस्त हुआ हो। ऐसे में बच्चे के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स तथा पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में शिशु को उल्टी, बुखार और कभी-कभार मल में खून भी आने लगता है।
दस्त के मुख्य लक्षण
-पेट में दर्द
-ऐंठन
-सूजन
-बुखार
-मल में खून
-उल्टी
बच्चा बार बार पॉटी कर रहा है हो सकता है ये कारण
अगर बच्चा स्तनपान करता है तो बच्चे के माता को अपने खान-पान में थोड़ा बदलाव करना पड़ेगा जिस से बच्चे को दस्त की समस्या माँ हो क्युकी बच्चे का पूरा आधार अपनी माँ पर ही होता है
अगर बच्चा formula milk पी रहा है तो भी बच्चे को बार बार पोटी आ सकती है क्युकी formula milk बच्चे को पचाने में समय लगता है
अगर बच्चा गाय का दूध पिता है तो भी उसको पचाने में दिक्कत आती है क्युकी नवजात शिशु का digestive system इतना विकसित नहीं हुआ होता है इसी लिए बच्चे को दस्त जैसी समस्या हो जाती है।
अगर बच्चा 6 महीने से बड़ा है और बच्चे को दांत आने की शुरुआत हो रही होती ही तो भी बच्चे को दस्त हो सकता है
अगर बच्चा घुटने के बल चल रहा है और पड़ी सारी चीजों को मुँह में डालता रहता है तो भी बच्चे को इन्फेक्शन लग सकता है और बच्चे को दस्त हो जाता है और बच्चा बार बार पोटी करता है
क्या आपका बच्चा बार बार पॉटी करता है? तो रखे इन बातो का विशेष ख्याल
बच्चे द्वारा नियमित रूप से सही तरह पॉटी करना मां के लिए किसी राहत से कम नहीं। अगर बच्चा बार-बार और पतली पॉटी कर रहा है तो, निश्चित रूप से मां के लिए चिंता का विषय हो सकता है। बच्चे के लगातार पतली पॉटी करने पर आपके मन में जो पहला ख्याल आता है, वो यह है कि कहीं बच्चे को दस्त (diarrhea) तो नहीं हो गया। इससे पहले कि आप बच्चे को इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाएं, आपको कुछ ज़रूरी बातों का जानना बेहद ज़रूरी है
बच्चे को बार बार पॉटी आना बेहद आम समस्या है लेकिन कई बार शिशु हल्का सा दूध पीने के बाद भी पॉटी कर देता है। ऐसे में आपको ध्यान रखना चाहिए कि शिशु की पॉटी किस तरह की हो रही है। ऐसे में आपको बच्चे के पॉटी करने के समय और कलर पर ध्यान देना चाहिए। इससे आप उसकी परेशानी को समझ कर उसे दूर कर सकती है।
'फॉर्मूला फेड बेबीज' बच्चों की पॉटी करने की प्रक्रिया
डॉक्टर के अनुसार, ये प्रकिया फॉर्मूला फेड बेबीज (बोतल से दूध ) यानि दूध के अलावा ऊपरी खाना खाने वाले बच्चों के मामले में अलग हो सकती है। ऐसे बच्चे थोड़ी मोटी और हार्ड पॉटी करते हैं। अगर ऐसे बच्चे पतली पॉटी कर रहे हैं, तो गंभीर विषय हो सकता है। इसके अलावा ऐसे बच्चों के स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में पेट खराब होने के चांस भी दस गुणा ज्यादा होते हैं। ऐसे बच्चों को पतली पॉटी से उनके शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो सकती है।
1. अधिक पॉटी करना
दिन में 2-3 बार पॉटी करना तो आम है लेकिन एगर बच्चा इससे ज्यादा पॉटी करें तो उसके पेट में दर्द या लूज मोशन की समस्या भी हो सकती है।2 . दस्त या उल्टी की समस्या
कई बार बच्चों को दस्त या उल्टी के कारण भी बार-बार पॉटी आती रहती है। ऐसे में आपको उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। नहीं तो प्रॉब्लम बढ़ भी सकती है।
3 . स्मैल या पतला होना
अगर बच्चे की पॉटी पतली, स्मैल या खून वाली आ रही हो तो उसे इंफ्केशन या पेट की समस्याओं का डर हो सकता है। ऐसे में आपको तुंरत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।